मैं निशब्द हूँ।निस्तब्ध हूँ।निस्पृह हूँ। ***** कैसे कह दूँ सुख-दुःख अपनायह तो तुम में प्रकट करती पाव... मैं निशब्द हूँ।निस्तब्ध हूँ।निस्पृह हूँ। ***** कैसे कह दूँ सुख-दुःख अपनायह तो तु...
चारों तरफ खुशबू बिखरी हुई है फूलों की कलियां भी निखरी हुई हैं, रिमझिम बरसात होने लगी चारों तरफ खुशबू बिखरी हुई है फूलों की कलियां भी निखरी हुई हैं, रिमझिम बरसा...
औरत ने आसमान में आगे जाकर चाँद को छूना चाहा आदमी के साथ साथ औरत भी अब बोर्ड रूम में ब औरत ने आसमान में आगे जाकर चाँद को छूना चाहा आदमी के साथ साथ औरत भी अब बोर्ड र...
मै जिंदा हूं मुर्दों में यह है मेरा कसूर वह खुशी से मेरा जनाजा सजाने लगे हैं गद्दार मै जिंदा हूं मुर्दों में यह है मेरा कसूर वह खुशी से मेरा जनाजा सजाने लगे हैं ...
औरत, शब्द ही अपने आप में काफी है, ऊपरवाले की बेहेतरीन कृतियों में से एक! औरत, शब्द ही अपने आप में काफी है, ऊपरवाले की बेहेतरीन कृतियों में से एक!
प्रेम की आहट... हौले से आती है जैसे रात में दुब घास की नोंक पर... प्रेम की आहट... हौले से आती है जैसे रात में दुब घास की नोंक पर...